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Ventilator kya hota hai – ventilator meaning in hindi?
नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है मेरी वेबसाइट मे दोस्तों आज हम बात करने बाले है ventilator kya hai (वेंटीलेटर क्या है ) ventilator kya hota hai (वेंटीलेटर क्या होता है) ventilator meaning in hindi (वेंटीलेटर मीनिंग इन हिंदी)।
आज हम आपको इस पोस्ट मे vantilator से जुडी कम्पलीट जानकारी देने बाले वेंटीलेटर से जुडी कम्पलीट इनफार्मेशन के लिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
दोस्तों अपने किसी ऐसे व्यक्ति को देखा होगा या सुना होगा की उन्हें हॉस्पिटल मे वेंटीलेटर पर लेटा दिया गया है।
आमतौर पर Ventilator को एक life सुपोर्टिंग सिस्टम भी माना जाता है वेंटीलेटर के बारे लोग थोड़ा घवरा जरूर जाते है।
लोगो को डर रहता है वेंटीलेटर पर अगर किसी को रख दिया जाए तो उनका बच पाना मुश्किल होता है आपको बता देते है ऐसा जरूरी नही है।
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Ventilator meaning in hindi – वेंटीलेटर मीनिंग इन हिंदी?
वेंटीलेटर को लाइफ सुपोर्टिंग सिस्टम भी कहा जाता है आसान भाषा मे कहे तो यह एक मशीन है।
जो ऐसे मरीज़ो की ज़िन्दगी बचाती है जिहे सांस लेना मे तकलीफ आ रही है या खुद सांस नही ले पा रहे है।
अगर बीमारी की बजह से फेफड़े काम नही कर पाते है तो वेंटीलेटर सांस लेने के प्रोसेस को संभालती है।
इसकी बीच डॉक्टर इलाज की मदद से फेफड़ों को दुबारा काम करने के लियाक़ बनाते है।
Types of ventilator (वेंटीलेटर के प्रकार )
- Mechanical Ventilator
- Noninvasive Ventilator
Mechanical Ventilator
Noninvasive Ventilator
Noninvasive Ventilator (नोनीन्वासिव वेंटीलेटर):- नोनीन्वासिव वेंटीलेटर स्वास नली से नही जौडा जाता है इसमें मुँह और और नाक को कवर करके ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचाई जाती है।
एक वेंटीलेटर आमतौर पर सर्जरी या किसी ऑपरेशन के दौरान ही यूज़ किया जाता है क्योंकि उस समय पेशेंट एनीसाथिसिया के असर मे होता है।
जिस्से वह खुद सांस लेने के काबिल नही हो पाता है तो ऐसे मे वेंटीलेटर की मदद से ही उसकी ब्रीथिंग चालू रखी जाती है।
Note:-
- स्वास्थ्य संगठनों की मानो तो C- वायरस खास तोर पर हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम पर ही अटैक करता है।
- इस virus से संकमरित होने बाले लगभग 80% लोग हॉस्पिटल गये बिना ही ठीक हो जाते है।
- लेकिन अगर किसी मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है और उसे सांस लेने मे कठिनाई होने लगती है।
- तो ऐसे मरीज़ो को ही वेंटीलेटर का सपोर्ट दिया जाता है आज इस समय हालात ऐसे हो गये है।
- कि देश मे पर्याप्त ventilator होने की बाबजूद भी इनकी कमी महसूस होने लगी है वेंटीलेटर की संख्या मे कमी कि एक वजह इसकी किमत भी है।
- एक ventilator के लिए लगभग पांच से दस लाख रूपये खर्च करने पड़ते है हॉलही मे महिंद्रा & महिंद्रा कंपनी ने यह दाबा किया है।
- कि वह ventilator का निर्माण महज 7.500 रूपये मे कर रही है वेंटीलेटर कि भारी किमत और जरूरत को दुखते हुए।
आज कई कंपनियो ने नये और बेहद सस्ते ventilator बनाने का बीड़ा भी उठाया है।
वेंटीलेटर किसे कहते है।
यह एक प्रकार का लाइफ सेविंग डिवाइस है जिसकी सहायता से पेशेंट की जान को बचाया जाता है। और जब फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं या खराब हो जाते हैं
तो उसके फेफड़ों तक हवा पहुंचाने के लिए जिस मशीन का उपयोग किया जाता है उसे वेंटिलेटर कहते हैं।
वेंटिलेटर की जरूरत कब पड़ती है।
जब आप के फेफड़े पूरी तरह से काम नहीं करते हैं या पूरी तरह से ऑक्सीजन दिन नहीं ले पाते हैं तो वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है वेंटीलेटर फेफड़ों तक हवा पहुंचाने का काम करता है।
वेंटिलेटर का इस्तेमाल कब से हो रहा है।
वेंटीलेटर का इस्तेमाल लगभग 1930 के आसपास से हो रहा है तभी से आयरन लंग के नाम से भी जाना जाता था।
वेंटिलेटर की जरूरत कौन से पेशेंट को होती है।
जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होती है।
भारत मे वेंटीलेटर की कमी क्यों है।
जनसंख्या की दृष्टि से देखा जाए तो भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है पॉपुलेशन इतनी ज्यादा होने की वजह इतने सारे वेंटिलेटर उसको ले पाना आसान नहीं है।
यह भी माना जाता है कि वेंटीलेटर की ज्यादा कीमत होने की वजह के कारण इसे कम खरीदा जाता है। लेकिन आज के समय में बहुत सारी ऐसी कंपनी है जो कम पैसे मे भी वेंटीलेटर उपलब्ध करवा रही है फिर भी भारत जैसे देश में वेंटिलेटर की कमी बनी हुई है।